हमारे कोचों को 13-14 साल की लड़कियों को ट्रेनिंग देते समय ज्यादा समझदारी दिखानी की जरूरत- सानिया मिर्जा
भारत की स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिय मिर्जा ने हाल ही में दोबारा टेनिस कोर्ट में वापसी की है और उन्हें इस बात पर बहुत गर्व है कि क्रिकेट की लोकप्रियता के बीच खेल जगत में अब महिलाओं का नाम भी शामिल होने लगा है। एक ओर वह मानती है कि महिलाओं को खेल को अपना वास्तविक करियर के रूप में चुनने में थोड़ा और समय लगेगा। स्टार टेनिस खिलाड़ी जो अबतक 6 बार ग्रैंड स्लैम पर कब्जा कर चुकी है उनका मानना है कि जब 13-14 साल की लड़किया किसी भी खेल में आगे बढ़ती है, तो उनके कोचों को उस दौरान ज्यादा समझदारी दिखानी चाहिए।
ऑल इंडिया टेनिस एसोशिएसन और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) द्वारा आयोजित एक बेविनार में कई अहम मुद्दों पर सानिया मिर्जा ने बाते की- जिसमें उन्होंने माता-पिता की भूमिका और महिला खिलाड़ियों के प्रति कोचों के व्यवहार के बारे में भी अपनी राय रखी।
यह पूछे जाने पर कि 15 या 16 साल की उम्र तक पहुंचने पर लड़कियां टेनिस क्यों छोड़ती हैं, सानिया ने कहा कि गहरे सांस्कृतिक मुद्दे होने के कारण।
सानिया ने यह भी सलाह दी कि जब कोच महिला खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करते है तो कोचों को अधिक समझादार होने की जरूरत है।
“लड़कियों को कोचिंग देना ज्यादा मुश्किल है क्योंकि 13-14 साल की उम्र में भी वह खोजती है कि वह कौन हैं। उस दौरान उनके शरीर में कई हार्मोनल परिवर्तन होते हैं जो उनके पूरे जीवन भर चलते हैं।”
33 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी ने बताया कि कोच को युवा खिलाड़ियों पर ज्यादा दवाब नहीं डालना चाहिए और उन्हें प्रोत्साहित करते रहना चाहिए।