क्रिकेट

5 प्वाइंट में समझे रहाणे के रणबांकुरों की गाबा ‘विजय गाथा’

भारत की आने वाली पीढ़ी भी गाबा में मिली इस ऐतिहासिक जीत का इतिहास पढ़ेगी और भारत के रणबांकुरों पर गर्व करेगी। इस जीत की दुनियाभर में चर्चा हो रही है, जो भारतीय टीम पर सवाल खड़ा कर रहे थे, वे लोग आज तारीफ में कसीदे पढ़ते नहीं थक रहे। इस मौके पर हम आपके लिए लाए है, सबसे बड़ी जीत में से एक जीत के पीछे छुपे 5 प्वाइंट, तो आइए 5 प्वाइंट में समझते है रहाणे के रणबांकुरों की गाबा विजय गाथा।

नई दिल्ली- भारतीय बल्लेबाज ऋषभ पंत के बल्ले से चौका निकलते ही 19 जनवरी 2021 की तारीख इतिहास में दर्ज हो गई। भारत की आने वाली पीढ़ी भी गाबा में मिली इस ऐतिहासिक जीत का इतिहास पढ़ेगी और भारत के रणबांकुरों पर गर्व करेगी। इस जीत की दुनियाभर में चर्चा हो रही है, जो भारतीय टीम पर सवाल खड़ा कर रहे थे, वे लोग आज तारीफ में कसीदे पढ़ते नहीं थक रहे। इस मौके पर हम आपके लिए लाए है, सबसे बड़ी जीत में से एक जीत के पीछे छुपे 5 प्वाइंट, तो आइए 5 प्वाइंट में समझते है रहाणे के रणबांकुरों की गाबा विजय गाथा।
किसी एक खिलाड़ी पर टीम निर्भर नहीं
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारतीय शेरों ने साबित कर दिया कि टीम किसी भी एक खिलाड़ी निर्भर नहीं है। टीम को जब-जब जरुरत होगी, तो टीम का कोई भी खिलाड़ी अपनी जिम्मेदारी निभा सकता है और टीम का संकटमोचक बन सकता है। इस सीरीज के पहले मैच को छोड़ दे, तो बाकी तीन मैचों में भारत का प्रदर्शन लाजवाब रहा है।
सुरक्षित हाथों में भारत का भविष्य
बता दें कि गाबा टेस्ट में कप्तान रहाणे ज्यादातर अनुभवहीन खिलाड़ियों के साथ मैदान में उतरे थे। टीम के मुख्य खिलाड़ी चोटिल होकर बाहर बैठे थे, लेकिन नौसिखिए मोहम्मद सिराज, शार्दुल ठाकुर, वाशिंगटन सुंदर. ऋषभ पंत और शुभमन गिल ने सबका दिल जीत लिया। इन युवाओं ने बता दिया कि देश में हो या बाहर वह किसी भी परिस्थिति में टीम के संकटमोचक बन सकते है।
लाजवाब कप्तानी
भारतीय टीम ने अंजिक्य रहाणे के नेतृत्व में जिस तरह ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में घुसकर हराया है, वो वाकई लाजवाब है। रहाणे ने बता दिया कि शांत रहकर कैसे विपक्षी टीम को मात दी जा सकती है। रहाणे ने जिस तरह अनुभवहीन खिलाड़ियों के साथ मिलकर जैसे ऑस्ट्रेलिया को हराया है, उसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है।
टीम की एकजुटता
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम में एकजुटता दिखाई दी। समय-समय पर सभी खिलाड़ियों ने खुद को साबित किया है। सीरीज के पहले मैच को छोड़कर बाकी तीनों मैचों में भारतीय टीम का प्रदर्शन अच्छा रहा है। मेलबर्न, सिडनी और ब्रिसब्नेन टेस्ट में सभी खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से फैंस का दिल जिता।
खेल पर फोकस
ऑस्ट्रेलिया की पुरानी रणनीति रही है कि विपक्षी टीम के साथ स्लेजिंग कर मानसिक तौर पर कमजोर करना. लेकिन भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को उसकी हरकत का अपने खेल से जवाब दिया। ऑस्ट्रेलिया समर्थक रहे हो या उनकी टीम के कप्तान सभी ने अपने-अपने तरीके से भारतीय टीम का ध्यान भटकाने की कोशिश की, लेकिन भारतीय टीम ने खेल पर फोसक रखा और इतिहास रच दिया।
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