खेल के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार का नाम बदलने की अपनी बात पर कायम हैं, बबीता फोगाट
दिग्गज कुश्ती खिलाड़ी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सदस्य बबीता फोगाट (Babita Phogat) ने खेल के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम जुड़ा होने पर तंज कंसा है।
बबीता ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने खेल रत्न पुरस्कार में राजीव गांधी का नाम जुड़ा होने पर सवाल उठाए।
बबीता ने लिखा, ‘क्या राजीव गांधी के नाम से इसलिए खेल रत्न पुरस्कार दिया जाता है कि उन्होंने एक बार भारत से खड़े-खड़े इटली में भाला फेंक दिया था।’
बबीता का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
दरअसल बबीता फोगाट (Babita Phogat) ने यह मांग की है कि राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर एक खिलाड़ी के नाम पर रखा जाए।
बबीता ने एक वीडियो संदेश में कहा है कि चूंकि यह पुरस्कार खेल उत्कृष्टता को सम्मानित करने के बारे में है, इसलिए इसे आदर्श रूप से एक खिलाड़ी के नाम पर रखा जाना चाहिए – भारत के किसी ओलंपिक, एशियाड या राष्ट्रमंडल खेलों में से एक।
बता दें कि बबीता फोगट, हरियाणा खेल विभाग में उप-निदेशक का पद भी संभालती हैं।
उन्होंने आगे कहा- “अगर यह पुरस्कार एक खिलाड़ी के नाम पर होगा तो पुरस्कार जीतने वाले एथलीटों को सर्वोच्च खेल सम्मान प्राप्त करने में अधिक गर्व महसूस होगा।
यह पहली बार नहीं है कि राष्ट्रीय खेल के सर्वोच्च पुरस्कार के नाम को बदलने की मांग की गई है। इससे पहले भी भारत के सबसे महान हॉकी खिलाड़ी का सम्मान हेतु इस सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार का नाम बदलकर ध्यानचंद खेल रत्न रखने की याचिका दर्ज कराई गई थी, लेकिन यह अमल नहीं हुआ।
गौरतलब है कि इस वर्ष बबीता फोगाट की बहन, पहलवान विनेश फोगाट को पिछले 4 वर्षों में उनके प्रदर्शन के लिए राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
यह पुरस्कार भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 1991 में हत्या के बाद उनके नाम पर रखा गया था। यह हर साल उन एथलीटों को दिया जाता है, जो 4 साल की अवधि में अपने खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं।