अरुण जेटली स्टेडियम बना क्वारंटाइन सेंटर, ठहराए गए प्रवासी मजदूर
भारत वर्तमान में कोरोनोवायरस महामारी का मुकाबला करने के लिए चौथे लॉकडाउन में हैं। पिछले साल चीन से फैल से इस वायरस ने अबतक दुनिया भर में कई लोगों के लोगों की जान ले ली है।
प्रत्येक दिन बीतने के साथ भारत में नोवल कोरोनवायरस के पॉजिटिव मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सबसे बुरी तरह से प्रभावित राज्यों में से एक है, जहां मामलों की संख्या 10,000 के आंकड़े को पार कर गई है। संकट के समय में, दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (DDCA) ने मदद करने की पेशकश की है।
दिल्ली सरकार प्रतिष्ठित अरुण जेटली स्टेडियम (पूर्व में फिरोज शाह कोटला स्टेडियम के रूप में जाना जाता है) का उपयोग एक क्वारंटाइन सेंटर के रुप में करेगी जिसमें बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के हजारों प्रवासियों को क्वारंटाइन किया जाएगा। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्टेडियम का इस्तेमाल पिछले तीन दिनों में प्रवासियों के लिए किया गया था जहाँ बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर ले जाने से पहले उनका परीक्षण किया गया था।
डीडीसीए ने इस साल मार्च में मैदान के अंदर सभी क्रिकेट गतिविधियों को निलंबित कर दिया था। साथ ही कोरोना महामारी को देखते हुए बीसीसीआई ने अनिश्चितकाल के लिए आईपीएल को भी रद्द कर रखा है। रिपोर्ट के अनुसार जेटली स्टेडियम में मंगलवार को लगभग 2500 प्रवासी मजूदरों को रखा गया है और उनके जाने के बाद मैदान को सैनिटाइज किया जाएगा।
डीडीसीए के संयुक्त सचिव राजन मनचंदा ने कहा कि आने वाले दिनों में और अधिक प्रवासी श्रमिकों के स्टेडियम में रखे जाने की उम्मीद है क्योंकि दिल्ली में मामलों की संख्या बढ़ रही है।