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टाइगर पटौदी की 79वीं जयंती पर जानें उनसे जुड़े कुछ रोचक तथ्य

1962 में टाइगर पटौदी को राष्ट्रीय टीम की कप्तानी मिली। जिसके बाद वह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में टीम की कप्तानी करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए थे। तब नवाब केवल 21 साल और 77 दिन के थे। उनका यह रिकॉर्ड 2004 में जिम्बाब्वे के ततेंदा ताइबू ने तोड़ा था।

क्रिकेट का यह बेताज बादशाह भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) का एकमात्र ऐसा खिलाड़ी था, जो किसी भी दिशा में शॉर्ट लगाने में माहिर था। जी हां, हम बात कर रहे है पूर्व भारतीय क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी (Mansoor Ali khan Pataudi) की, जिन्हें टाइगर पटौदी के नाम से भी जाना जाता था।

दाएं हाथ का यह बल्लेबाज बॉलीवुड अभिनेत्री शर्मिला टैगोर (sharmila tagore) का दिवाना था, जब कभी शर्मिला टैगोर स्टेडियम मैच देखने आती, तो टाइगर पटौदी के ज्यादातर छक्के उसी तरफ जाते, जिस स्टैंड पर अभिनेत्री बैठा करती थी।

क्रिकेट करियर की बात करें, तो टाइगर पटौदी (Tiger Pataudi) ने अपने फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर की शुरूआत 1957 में ससेक्स से की थी, तब वह महज 16 साल के थे। लेकिन राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने से पहले पटौदी इंग्लैंड में एक सड़क हादसे का शिकार हो गए थे। दिन था 1 जुलाई 1961, जहां कार एक्सीडेंट में पटौदी की दायी आंख में कांच का टुकड़ा घुस गया। लेकिन एक कांच के टुकड़े का आंख में घुसना इस खिलाड़ी के क्रिकेट करियर का अंत नहीं था।

कभी हार ना मारने की जिद रखने वाले पटौदी ने सड़क हादसे के 6 महीने बाद राष्ट्रीय टीम (National Team) के लिए एक आंख से खेलना शुरू कर दिया। 1961 में दिसंबर में दाएं हाथ के खिलाड़ी ने इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया। लेकिन पहले मैच में वह कुछ खास नहीं कर पाए और 13 रन बनाकर आउट हो गए।

पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के आखिरी मैच में टाइगर पटौदी ने 103 रन की शानदार पारी खेल, टीम इंडिया को इंग्लैंड (England) के खिलाफ पहली टेस्ट सीरीज में जीत दर्ज कराई। अपनी धरती पर खेल रही भारतीय टीम ने यह सीरीज 2-0 जीती थी।

1962 में टाइगर पटौदी को राष्ट्रीय टीम की कप्तानी मिली। जिसके बाद वह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में टीम की कप्तानी करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए थे। तब नवाब केवल 21 साल और 77 दिन के थे। उनका यह रिकॉर्ड 2004 में जिम्बाब्वे के ततेंदा ताइबू ने तोड़ा था।

अपने करियर में 1961 से लेकर 1975 तक पटौदी ने 46 टेस्ट मैच खेले। जिसमें से 40 टेस्ट मैचों में वह टीम के कप्तान रहें। 1968 में सबसे बड़ी जीत उनकी कप्तानी में तब सामने आई, जब टीम ने न्यूजीलैंड को उनकी ही धरती में 2-0 से मात दी।

महान खिलाड़ी के नाम कई उपलब्धियां थी, वह 1962 में इंडियन क्रिकेटर ऑफ द ईयर और 1968 में विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर चुने गए। जिसके बाद 1969 में ‘टाइगर टेल’ के नाम से उनकी बायोग्राफी लॉन्च हुई।

बात उनकी पर्सनल लाइफ की करें तो, टाइगर बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री शर्मिला टैगौर पर अपना दिल लूटा चुके थे। लेकिन अभिनेत्री को इंप्रेस करन के लिए नवाब को काफी पापड़ बेलने पड़े।

नवाब प्यार तो कर बैठ थे, लेकिन इस बात की ज्यादा जानकारी नहीं रखते थे कि लड़की को इंप्रेस करने के लिए क्या गिफ्ट दिए जाते है। क्योंकि वह शर्मिला को गिफ्ट के तौर पर रेफ्रिजेरेटर भेजते थे। नवाब के प्यार में कोई कमी नहीं थी क्योंकि उन्होंने अभनेत्री के घर एक-एक करके 7 रेफ्रिजेरेटर भिजवा दिए थे। जिसके बाद शर्मिला टैगोर उनसे मिलने के लिए राजी हुई।

लेकिन उनकी मुलाकात इतनी असरदार नहीं रही, जिसके बाद पटौदी ने आज के लौंडों की तरह अभिनेत्री को 4 साल तक गुलाब के फूल भेजे। जिसके बाद अभिनेत्री मान गई और 1969 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए।

साल 2011 में सांस लेने में तकलीफ होने पर मंसूर अली खान पटौदी को दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन वह पहले की तरह स्वस्थ नहीं हो पाए और अस्पताल में एक महीना बिताने के बाद उनका निधन हो गया।

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ankur patwal

Sports Journalist

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